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मानव का कल्याण करने वाली सर्वोपरि श्रीमद्भागवत कथा सुनने मात्र से लोक परलोक दोनों सुधर जाता है — उमंग जी महाराज 

कोठी बाराबंकी। कोठी क्षेत्र के बुधनई ग्राम मजरे उस्मानपुर में चल रही संगीतमयी श्रीमद् भागवत कथा में व्यास श्री शशिभूषण भूषण उमंग जी महाराज ने अपने मुखारविंद से बताया कि श्रीमद् भागवत पुराण हिंदुओं के 18 पुराणों में से एक है।

इसमें भगवान श्री कृष्ण को सभी देवों का देव स्वयं भगवान के रूप में चित्रित किया गया है व्यास जी ने यह भी कहा कि श्रीमद् भागवत कथा का अनुश्रवण करने से मानव का कल्याण हो जाता है और सभी मनोरथों को पूर्ण करते हुए भागवत कथा मोक्ष प्रदान करने तक ले जाती है। लोक और परलोक को सुंदर सुगम बनाने का एकमात्र साधन है श्रीमद् भागवत कथा। यही नहीं यह कथा सुनने से आध्यात्मिक विकास और भगवान के प्रति भक्ति गहरी हो जाती है जिससे मानव जीव के सभी कष्ट दुख दूर हो जाते हैं और वह सारा जीवन परिवार सहित सुख में व्यतीत करता है। श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन शिव विवाह सती चरित्र से लेकर ध्रुव चरित्र की कथा तथा श्री कृष्ण जन्मोत्सव से लेकर राक्षसों के उद्धार एवं बाल लीलाओं की कथा सुनाई गई। श्रीमद्भागवत संगीतमयी  सुन्दर और मधुर कथा का रसास्वादन करने के लिए मुख्य यजमान सुनीता देवी पत्नी अनूप कुमार पुत्र जितेंद्र पांडे सहित क्षेत्रीय सैकड़ो भक्तगण ने कथा का आनंद लेते हुए मंत्र मुग्ध हो गए। आपको बता दें कि इतना भाव विभोर हुए कि नृत्य करने लगे।

संगीतमय कथा में ढोलक वादक शिवम अवस्थी ऑर्गन वादक मनीष पांडे इसी क्रम में आचार्य प्रियांशु तिवारी आदि संगीतज्ञ कलाकारों ने अपनी कलाकारी से इतनी आभा बिखेरी की लोगों ने संगीत व कथा की तालियों की गड़गड़ाहट से भूरि भूरि प्रशंसा करने को मजबूर हो गए।

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