सरकारी अधिकारी कर्मचारियों से विशेष अनुरोध डा. मुरली धर सिंह एडवोकेट
गरीबों,पत्रकारों,वकीलों,महात्माओं एवं माता को समर्पित समर्पित
लखनऊ- हमारे भारतीय संविधान के +अनुच्छेद 309 के तहत सरकारी सेवकों के सेवा शर्तें एवं नियम होते हैं उसी के अनुसार कार्य करने की अपील + हमारे प्रधानमंत्री मोदी एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी के कार्य प्रणाली को आम जनता तक पहुंचाएं।
जो अधिकारी कर्मचारी नियमानुसार कार्य नहीं करेंगे।
उनके प्रमाण सहित प्रधान मा प्रधानमंत्री जी एवं माननीय मुख्यमंत्री जी को सीधे शिकायत की जाएगी डॉक्टर मुरलीधर सिंह शास्त्री
पूर्व अधिकारी वर्तमान अधिवक्ता एवं विधि अधिकारी
मा उच्च न्यायालय इलाहाबाद एवं लखनऊ
तथा राष्ट्रीय संयोजक भारतीय संविधान Nyay prachar अभियान
NATIONAL President Law Reporters Sangh Bharat
$मेरा जीवन गरीबों पत्रकारों वकीलों महात्माओं एवं माता को समर्पित समर्पित है
लखनऊ 19 मार्च 2025
मैं एक पूर्व सरकारी सेवक के रूप में तथा वर्तमान में मा उच्च न्यायालय इलाहाबाद एवं लखनऊ में कार्यरत अधिवक्ता के रूप में विशेष रूप से सरकारी अधिकारियों कर्मचारियों से अपील करता हूं कि हमारे भारतीय संविधान 1950 की धारा 309 के अनुसार केंद्र और राज्य सरकार के द्वारा नियमावली एवं शर्तें बनाई जाती एवं उसी आधार पर लोग कार्य करते हैं
तथा केंद्र सरकार द्वारा ही विशेष एक्ट के तहत एनफोर्समेंट डायरेक्टर एवं सीबीआई आदि का गठन किया गया
मौजूदा सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं उत्तर प्रदेश की सरकार मा योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में अच्छा काम कर रही है तथा दोनों नेता अपने निजी जीवन के साथ-साथ सार्वजनिक जीवन में भी ईमानदार है
ऐसे ईमानदार नेताओं के साथ ईमानदारी से ही काम करना चाहिए
हमने लगभग केंद्रीय और राज्य सरकारों में 35 साल की सेवाएं अर्पित किया है वर्ष 1989 से वर्ष 2024 तक हम पर कभी भी कोई दबाव नहीं रहा लेकिन सबसे पावरफुल मीडिया तंत्र को नियंत्रित करने का काम अधिकार विहीन संस्था द्वारा किया गया।
इसका मुख्य आधार आपसी सामंजस्य एवं प्रेम था जिस देश में मीडिया एवं वकील जागरूक नहीं होते वह देश गुलाम हो जाता है एवं व लोकतंत्र खत्म हो जाता है हमारे देश में मीडिया घराना एवं वकील एवं एडवोकेट्स जागरुक है तथा हमारी न्यायपालिका भी न्याय के साथ-साथ संवैधानिक सामाजिक परिवर्तनों पर कार्य करती है।
इसके उदाहरण श्री राम जन्मभूमि प्रकरण, ट्रांसजेंडर प्रकरण एवं तलाक प्रकरण,जरा सोचिए एक 75 साल का 80 साल का बुजुर्ग व्यक्ति तलाक चाहता उसके केस में पैरवी उसके बच्चे करते हैं
वैसे समाज को आदर्श रूप में कैसे कहा जा सकता है।
पर इस समस्याओं का समाधान सूक्ष्म तरीके से न्याय पालिका ने किया केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारी अच्छा काम करते हैं उन्हें पर पूरा लोकतंत्र और देश निर्भर है।लेकिन वह जनता की भावना को आवाज को मुश्किल से 10 से 20% अधिकारी हीं समझ पाए।
मैं सरकार तंत्र में रहा इसलिए काम क्यों नहीं होता।यह नीति मैं अच्छी तरह जानता हूं,
हमें अधिवक्ता बनने के बाद अनेक संस्थाओं ने अपनी इच्छा के अनुसार अपना विधिक सलाहकार बनाया एवं अपना मीडिया सलाहकार बनाया।
इसके लिए मैंने कोई पैसा नहीं लिया क्योंकि मुझको पैसा नहीं कमाना है।
मुझको गरीब जनता की वकीलों की पत्रकारों की महात्माओं की
एवं माता की सेवा करना है।
यह कार्य समाज के प्राथमिकता के कार्यों में नहीं है,पर हमने चुना है और इस क्षेत्र में आगे हैं हमारे पूरे प्रदेश के अंदर अयोध्या में प्रयाग में चित्रकूट में काशी में मथुरा वृंदावन में काम कर रही है हम नियमानुसार सरकारी अधिकारियों कर्मचारियों से अपने सहयोगी का काम का अनुरोध करेंगे यदि वह अधिकारी काम नियमानुसार नहीं करेंगे तो उनकी शिकायत
प्रधानमंत्री से प्रधानमंत्री से
मुख्यमंत्री से सीधे की जाएगी जिसकी जिम्मेदारी उस अधिकारी कर्मचारी की होगी।
यह केंद्र सरकार के नियमावली एवं राज्य सरकार की नियमावली के अधीन होगी
इसलिए माननीय मोदी एवं योगी के स्वर्णिम काल को बनाए रखने के लिए
सभी अधिकारियों कर्मचारियों को ईमानदारी से कार्य करना होगा कोई भी अधिकारी कर्मचारी निम्न कर्म से भ्रष्ट होता है।
पहले अपने निजी लाभ के लिए
दूसरा अपने परिवार के लाभ देने या नियुक्ति आदि करने के लिए
और तीसरा किसी सरकारी तंत्र के वरिष्ठ लोगों के दबाव में काम करने के लिए
लेकिन हमारा संविधान एवं हमारा वर्तमान नेतृत्व ऐसा किसी भी नौकरशाह या सरकारी कर्मचारियों को गलत काम करने के लिए प्रेरित नहीं करता मैंने ऐसा अनुभव किया है।इस संबंध में तमाम वरिष्ठ अधिकारियों के भी विचार आ चुके हैं।
हमारा यह बात इसलिए कहना जरूरी है कि हमें स्वच्छ समाज के लिए स्वच्छ निजी आचरण भी होना जरूरी है।आज हम इस कर्तव्य पथ पर निकल चुके हैं
और हम सभी का आह्वान करते हैं।
संविधान के अनुसार काम करें,निजी लाभ से परहेज करें।
जय हिंद-जय भारत