श्रीमद् भागवत कथा के चतुर्थ दिवस भगवान का जन्मोत्सव और नंदोत्सव की कथा
इस कलि काल में भगवत प्राप्ति का मात्र एक साधन है हरिनाम स्मरण जिसके प्रभाव से अजामिल जैसा पापी भी भाव सागर से पार हो गया।

ब्यूरो प्रमुख शिवांशु मिश्रा
शुकुल बाजार अमेठी। विकास क्षेत्र के पारा गांव में चल रही सात दिवसीय श्रीमद भागवत कथा के चतुर्थ दिवस पर कथा व्यास गंगोत्री तिवारी मृदुल जी महाराज ने कृष्ण जन्मोत्सव का वर्णन करते हुए कहा कि जब जब धरती पर अत्याचार बढ़ता है आसुरी शक्तियां हावी होती है तब तब भगवान किसी न किसी रूप में अवतरित होकर असुरों का विनाश कर धर्म का परचम लहराते है।हिरण्यकश्यप ब्रह्मा जी के द्वारा वरदान पाकर त्रैलोक्य पर आधिपत्य जमाकर अपनी आसुरी शक्ति से समस्त जनों को प्रताड़ित करने लगा तो भगवान प्रहलाद पर कृपा करने कारण खंभे से प्रगट होकर हिरण्यकश्यप का वध किया और भक्त प्रह्लाद समेत समस्त जन्म मानस की रक्षा किया।व्यास जी ने अजामिल उपाख्यान का वर्णन करते हुए नाम महिमा का गुण गान किया कि इस कलि काल में भगवत प्राप्ति का मात्र एक साधन है हरिनाम स्मरण जिसके प्रभाव से अजामिल जैसा पापी भी भाव सागर से पार हो गया।उन्होंने दान की महिमा का वर्णन करते हुए राजा बलि का पावन प्रसंग श्रवण कराकर सभी को मंत्र मुग्ध कर दिया।जहां कथा पंडाल में कृष्ण जन्मोत्सव के अवसर पर भारी भीड़ देखने को मिली।बधाई में भारी मात्रा में खिलौने टॉफियां आदि लुटाई गई।पूरा कथा पंडाल को बृंदावन बनाते हुए भव्य गुब्बारे से सजाया गया।इस अवसर पर स्वामी नाथ यादव ने सपरिवार भागवत जी व व्यास जी का सपरिवार पूजन किया। उपेन्द्र यादव,अखिलेश यादव आशा यादव नीलम यादव राजा उपाध्याय विजय मिश्रा रजत राज नारायण राम जीत यादव ब्रिज मोहन राम दीपक राम शरन समेत बहुत बड़ी संख्या में लोग कथा श्रवण कर धर्म लाभ अर्जित किया।