श्रीमद भागवत कथा का प्रथम दिवस;भक्ति,ज्ञान, वैराग्य और मोक्ष प्राप्ति की कथा

रिपोर्ट शिवांशु मिश्रा
जगदीशपुर अमेठी।विकास क्षेत्र के अशरफपुर गांव में श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ हुआ।जहां प्रथम दिवस पर विद्वान कथाव्यास आचार्य विपिन नंदन शुक्ला जी महाराज ने भागवत कथा के गूढ़ रहस्यों को श्रोताओं के समक्ष प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि श्रीमद्भागवत महापुराण भगवान श्री कृष्ण की दिव्य लीलाओं का वर्णन करता है, जिसका मूल सार भक्ति, ज्ञान, वैराग्य और मोक्ष प्राप्ति है।कथाव्यास ने एक रोचक प्रसंग में तुंगभद्रा नदी तट पर बसे एक गांव की कहानी सुनाई। वहां रहने वाले ब्राह्मण आत्मदेव और उनकी पत्नी धुंधली की कथा के माध्यम से संस्कारों के महत्व को समझाया। उन्होंने बताया कि माता के दुष्ट स्वभाव का प्रभाव कैसे संतान पर पड़ता है।कथा के दौरान आचार्य ने नरसिंह भगवान, महर्षि शुकदेव और राजा परीक्षित के चरित्र पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि भागवत कथा के श्रवण मात्र से मनुष्य का आध्यात्मिक उत्थान होता है और मृत्यु का भय समाप्त हो जाता है।आपको बता दे कि श्रीमद भागवत कथा के मुख्य यजमान के रूप में संतोष कुमार गुप्ता और प्रेमपति ने आरती की और उपस्थित श्रद्धालुओं को प्रसाद किया।वही श्रीमद भागवत कथा में पहुंचे प्रबुद्ध जनों ने कथा श्रवण कर पुण्य लाभ कमाया।