
रिपोर्ट-राकेश पाठक
हैदरगढ़ बाराबंकी श्री रामचरितमानस मानव धर्म का संदेश वाहक ग्रंथ है संत तुलसीदास ने रामचरितमानस में जीव मातृ के प्रति मानवता पूर्ण व्यवहार करने का उपदेश किया है यह विचार बाबा प्रेमदास कुट्टी के महंत लालता दास ने बहुत धाम में आयोजित नव दिवसीय श्री रामचरितमानस सम्मेलन के उद्घाटन के दौरान कहीं महंत लालता दास के द्वारा मानव धर्म की व्याख्या करते हुए कहा कि संपूर्ण सृष्टि का सर्वश्रेष्ठ प्राणी मनुष्य है अतः सभी के साथ दया अहिंसा प्रेम उपकार क्षमा आदि गुणों के साथ बर्ताव करना धर्म है धर्म पूर्ण आचरण ही मानवता है इसी कारण तुलसी में सत्य अहिंसा दया तथा परोपकार जैसे गुणों या मूल्यों को परम धर्म के रूप में बताया है तुलसी बाबा ने लिखा है कि परहित सरिस धर्म नहीं भाई मानस सम्मेलन में लखनऊ से आए मानस मर्मज्ञ प्रोफेसर जितेंद्र नाथ पांडे ने अपने प्रवचन में कहा कि मानवीय चेतना का उत्तम विकास ही भगवान की भक्ति है भक्ति के हृदय में भेद दृष्टि नहीं होती है वह तो पूरे जगत में अपने प्रभु की सत्ता का दर्शन करता है जब जीवन में सभी के प्रति प्रेम जागृत हो जाए तब समझना चाहिए कि साधक भक्ति के पावन राज मार्ग पर आगे बढ़ रहा है गोसाईगंज से आए पंडित स्वामी दिन व्यास ने गुरु तत्व का विवेक करते हुए कहा कि सच्चा गुरु शास्त्रों में प्रति वादित साधना के सिद्धांतों को समझता ही नहीं है अपितु अपने क्रियात्मक व्यवहार से साधक शिष्य को परमात्मा के पथ पर आगे बढाता है पंडित अजय नाथ शास्त्री बिंदु ने कहा कि मानव जीवन का सर्वोत्तम लक्ष्य भगवत प्राप्ति है यदपि भगवान जड़ चेतन सरवतृ समान रूप से विद्यमान है किंतु जीव अपने अभियान के कारण उसे नहीं मिल पाता क्योंकि परमात्मा अभियान से नहीं अनुराग से मिलता है मिलहिं न रघुपति बिन अनु रागा बाराबंकी से पधारे भागवताचार्य पण्डित अवधेश शुक्ल तरंग ने कहा कि जीव के दुख का कारण सांसारिक मोह है अतः प्रयास पूर्वक धीरे-धीरे मोह छोड़कर भगवान में मन लगाना ही कल्याणकारी है मानस सम्मेलन का सफल मंच संचालन मुरैना मध्य प्रदेश के संत रामनिवास शास्त्री ने किया कार्यक्रम का शुभारंभ पंडित शिव शरण अवस्थी के द्वारा वैदिक तथा लौकिक मंगलाचरण के साथ किया गया कार्यक्रम के आयोजक सुशील पांडे ने बताया कि यह मानस यज्ञ व्रत पाठ एवं संत विद्वानों के प्रवचन के साथ 25 मार्च तक चलेगा।