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सिद्धौर पुलिस चौकी की कार्यशैली पर उठे सवाल, वैध गाड़ी को किया सीज

दलाल पत्रकारों की भूमिका संदिग्ध,

रिपोर्ट-अंकुर त्रिपाठी

सिद्धौर, बाराबंकी : प्रतिबंधित वृक्षों के अवैध कटान को लेकर पुलिस द्वारा की गई एक कथित कार्रवाई अब विवादों में घिर गई है। हाल ही में सिद्धौर पुलिस चौकी पर वन विभाग के वैध चालान के साथ चल रही एक लकड़ी लदी गाड़ी को पुलिस ने कागजात न होने का हवाला देकर सीज कर दिया। लेकिन जांच से स्पष्ट हुआ कि उक्त गाड़ी के पास पूरे वैध कागजात एवं वन विभाग द्वारा जारी चालान मौजूद था।

वन विभाग द्वारा जारी चालान की भी नहीं की गई जांच

गाड़ी मालिक ने जब पुलिस के सामने गाड़ी से संबंधित सभी वैध कागजात प्रस्तुत किए, साथ ही वन विभाग द्वारा जारी चालन रसीद भी दिखाई, तब भी पुलिस चौकी के अधिकारियों ने दस्तावेजों की कोई गंभीरता से जांच नहीं की। इसके विपरीत, बिना किसी विधिक आधार के गाड़ी को जब्त कर चौकी में खड़ा कर दिया गया।

दलाल पत्रकारों के इशारे पर हुई कार्रवाई?

स्थानीय सूत्रों के अनुसार, यह संपूर्ण कार्रवाई क्षेत्र में सक्रिय कुछ दलाल पत्रकारों के इशारों पर की गई। इन पत्रकारों का लंबे समय से पुलिस चौकी पर प्रभाव रहा है और कई बार ऐसे मामलों में निजी स्वार्थवश दबाव डालकर कार्रवाई करवाई जाती है। बताया जा रहा है कि पुलिस चौकी का स्टाफ, विशेष रूप से चौकी इंचार्ज, इन दलालों के कथनों पर कार्रवाई करते है, न कि विधिक प्रक्रिया पर।

संवाददाता द्वारा संपर्क करने पर कर रहे हैं टालमटोल

इस प्रकरण पर पत्रकारों और जनप्रतिनिधियों द्वारा चौकी इंचार्ज से स्पष्ट जानकारी प्राप्त करने की कोशिश की गई, तो उन्होंने कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दिया और लगातार टालते रहे। इससे पूरे मामले की पारदर्शिता पर गंभीर प्रश्न उठते हैं।

न्यायिक जांच की उठी मांग इस पूरे प्रकरण को लेकर सिद्धौर की स्थानीय जनता व जन प्रतिनिधियों के बीच रोष व्याप्त है लोगों का कहना है की यह केवल एक गाड़ी ही नहीं बल्कि कानून की वैधता और प्रशासनिक व्यवस्था का अपमान है इसलिए इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कर दोषी पुलिस कर्मियों व दलाल पत्रकारों पर तत्काल प्रभाव से सख्त कार्यवाही की जाए।

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